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एलपीजी सिलेंडर पर लिखे इन नंबर्स का क्या मतलब होता है ? KNOW ABOUT CODEWORD NUMBERS ON LPG CYLINDERS

एलपीजी सिलेंडर पर लिखे इन नंबर्स का क्या मतलब होता है ? 
एलपीजी सिलेंडर पर लिखे नंबर का क्या मतलब होता है 

जी हाँ हम बात कर रहे हैं एलपीजी सिलेंडर की, जिसे आप हम सब अपनी रसोई और अन्य कामों में  इस्तेमाल करते हैं। हमारे घरों में उपयोग में आने वाला यह सिलेंडर आजकल हम या तो ऑनलाइन मंगवाते हैं या आप एलपीजी एजेंसी से खीदते हैं, जब सिलेंडर लाने वाला हॉकर (एलपीजी सिलेंडर लाने वाला व्यक्ति ) इसे आपके घर में छोड़ता है तो आप पहले सिलेंडर की जाँच करते हैं कि यह लीकेज तो नहीं कर रहा।  

परन्तु क्या आपको पता है कि जो सिलेंडर आप उपयोग कर रहे हैं उसमे पड़े यह नंबर्स किस लिए लिखे होते हैं या इसका क्या उपयोग है ? 

आइये जानते हैं सिलेंडर पर लिखे इन नंबर का क्या रहस्य है और ये नंबर्स क्या बताते हैं। 

नंबर्स का उपयोग 

कोडवर्ड महीना और साल को बताता है 

सिलेंडर पर यह नंबर कुछ अक्षरों AB, C, D में ही लिखे होते हैं और इन अक्षरों के बाद कुछ नंबर्स भी लिखे होते हैं अर्थात एक तरह का कोडवर्ड होता है  ये नंबर सिलेंडर के ऊपरी भाग जहाँ लोहे का गोल छल्ला होता है उसके नीचे 3 पट्टियों  पर लिखे होते हैं ये अक्षर और नंबर हमें लाये गए सिलेंडर  की रिफिलिंग डेट बताती हैं कि यह सुरक्षा मानकों के आधार पर यह ठीक है या नहीं।  

इन कोडवर्ड के अक्षर हमें अलग-अलग महीनो को बताते हैं - 

A- जनवरी से मार्च 

B- अप्रैल से जून 

C- जुलाई से सितम्बर

D- अक्टूबर से दिसंबर 

AB, C , D के बाद लिखे नंबर्स साल को दर्शाते हैं जैसे A-20

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A-20 मे A जनवरी से मार्च का महीना है और 20 ये उस का साल 2020 बताता है और इस सिलेंडर की जाँच जनवरी से मार्च 2020 में की जानी है।  मतलब आपका यह सिलेंडर पूरी तरह से फिट है।  यही कोडवर्ड का नंबर्स जैसे A-19 में लिखा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपका सिलेंडर सुरक्षा मानकों के आधार पर फिट नहीं है इसकी एक्सपायरी डेट पूरी हो गयी है।  इसकी सूचना आपको तुरंत कस्टमर केयर में करनी पड़ेगी या इसे तुरंत आप एजेंसी को वापस कर दें ।  

गैस सिलेंडर का क्या मानक है 

एलपीजी गैस सिलेंडर BIS 3196 के मानक के आधार पर बनाया जाता है।  जिन कंपनी के पास BIS के साथ साथ CCOE- चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्प्लोसिव के अप्रूवल होता है वही कंपनी गैस सिलेंडर को बेच सकती हैं।  गैस सिलेंडर जब बनता है तो ये कई हाई प्रेशर के मानकों से गुजरता है ताकि यह सामान्य स्थिति में फटे नहीं।  BIS कोड एंड गैस सिलेंडर रूल्स 2004 के आधार पर गैस सिलेंडर कई सुरक्षा मानकों से गुजरना होता है।  हर सिलेंडर को हर १० साल बाद भी इन सुरक्षा जाँच के लिए भेजा जाना जरुरी है और इसके बाद 5 साल के बाद  भी इसकी टेस्टिंग होनी जरुरी है और प्रेशर टेस्ट के लिए भी टेस्ट होता है।  इसका मतलब हर सिलेंडर  की 15  साल की लाइफ के दौरान इसका दो बार टेस्ट किया जाता है।  

इन सुरक्षा मानक की जाँच के आधार और हाई प्रेशर टेस्ट पास होने के बाद ही ये सिलेंडर रिफल के लिए तैयार होते हैं।  टेस्ट में फेल हुए सिलेंडर बाद में कंपनी द्वारा नस्ट कर दिए जाते हैं। 

आशा करते हैं आज का यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण रहेगा और जब भी आप सिलेंडर लें लीकेज जाँच के  साथ आप पहले इन कोडवर्ड को जाँच परख लेंगे ताकि आपको और आपके परिवार में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। 


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